नरवा विकास: छत्तीसगढ़ में वनांचल के 6395 नालों को पुनर्जीवित कर 23 लाख हेक्टेयर भूमि को किया गया उपचारित
मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में मृदा-जल संरक्षण पर हो रहे कार्यों की तारीफ
केन्द्रीय विशेष सचिव तथा महानिदेशक श्री गोयल ने अन्य राज्यों के लिए बताया अनुकरणीय
कार्यशाला में मिट्टी और नमी संरक्षण के लिए विभिन्न उपायों पर विस्तार से हुई चर्चा
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास कार्यक्रम‘ अंतर्गत वन क्षेत्रों में स्थित 6 हजार 395 नालों को पुरर्जीवित किया जा चुका है। इसके तहत इन नालों में 774 करोड़ रूपए की राशि से अब तक एक करोड़ 19 लाख 84 हजार भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जिससे 22 लाख 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्र उपचारित हुआ है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वाधान में मृदा-जल संरक्षण पर राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार में यह जानकारी दी गई। 25 मई तक आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 23 मई को किया गया। सेमीनार में मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा के अनुरूप नरवा विकास कार्यक्रम अंतर्गत कैम्पा मद के तहत राज्य के वनांचल में मृदा एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की तारीफ केन्द्रीय विशेष सचिव तथा महानिदेशक श्री चन्द्रप्रकाश गोयल ने भी की और इसे देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया। कार्यशाला में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, महानिदेशक एवं केन्द्रीय विशेष सचिव, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री चन्द्रप्रकाश गोयल, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, केन्द्रीय कैम्पा के सीईओ श्री सुभाष चन्द्र, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव तथा वानिकी विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।