कई वर्षों से आर्मेनिया और अजरबैजान में युद्ध चल रहा है। नागोर्नो काराबाख दोनों देशों के बीच विवाद का मुख्य मुद्दा है। दोनों ही देश काराबाख पर अपना अधिकार जमाते हैं। यही वजह है कि जब संयुक्त राष्ट्र में इस मसले पर चर्चा शुरू हुई तो दोनों देश वहीं काराबाख के मुद्दे पर जबरदस्त तरीके से भिड़ गए। वर्षों से आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवाद का कारण रहे नागोर्नो काराबाख पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को एक आपात बैठक हुई, जिसमें आर्मेनिया ने अजरबैजान पर क्षेत्र में पहुंच को बाधित करने का आरोप लगाया और कहा कि क्षेत्र गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है। नागोर्नो काराबाख में कम से कम 120,000 लोग रहते हैं। सुरक्षा परिषद से आपात बैठक का अनुरोध आर्मेनिया ने किया था और आरोप लगाया था कि अजरबैजान ने लाचिन गलियारे को अवरूद्ध कर दिया है जिससे वहां के लोग खाद्यान्न, दवाइयों तथा बिजली संकट का सामना कर रहे हैं।

लाचिन गलियारा आर्मेनिया को नागोर्नो काराबाख से जोड़ने वाला एकमात्र मार्ग है। बैठक में अधिकतर देशों ने अजरबैजान को तत्काल सड़क खोलने को कहा और अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के आदेश का जिक्र किया। सुरक्षा परिषद के सभी 15 देशों ने दोनों देशों से करीब 30 वर्ष पुराने विवाद को हल करने के लिए राजनयिक समाधान तलाशने की अपील की। सुरक्षा परिषद ने कोई बयान जारी नहीं किया है लेकिन बैठक की अध्यक्षता करने वाली अमेरिकी राजनयिक लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने कड़े शब्दों में कहा कि लाचिन गलियारा खोला जाना चाहिए।’’ संयुक्त राष्ट्र में मानवीय अभियानों के समन्वयक ऐडम वासोर्नू ने परिषद को बताया कि रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने 25 जुलाई को रिपोर्ट दी थी कि वह लाचिन गलियारे से 14 जून से भोजन और सात जुलाई से क्षेत्र में दवा नहीं भेज पा रहा है। यह एकमात्र संस्था है जो उस क्षेत्र तक पहुंच पाने में सक्षम थी।

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