छत्तीसगढ़ सरकार की रीपा योजना वास्तव में सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में निर्मित गौठान में संचालित आयमूलक गतिविधियां का प्रमुख केन्द्र है। रीपा केन्द्रों में विभिन्न गतिविधियों संचालित की जा रही है। सेवा गतिविधियों में राज्य के आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा प्रथम और कांकेर द्वितीय स्थान पर है।
गौठानों में रीपा के माध्यम से आयमूलक गतिविधियों के संचालन के लिए शासन द्वारा आधारभूत संरचनाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों को स्व-रोजगार की गतिविधियों के संचालन में मदद मिल रही है। रीपा में काम करने के पूर्व उद्यमियों को शासन द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।इसके साथ ही रीपा केंद्रों में संचालित गतिविधियों का सतत् निरीक्षण भी किया जा रहा है।
ज्ञात हो राज्य के विभिन्न गौठानों में कुल 300 रीपा केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इन रीपा केंद्रों में 5849 महिलाएं और 4107 पुरुष आजीविका गतिविधियों को संचालित कर रहे है। राज्य शासन द्वारा इन रीपा केंद्रों में 1546 गतिविधियां प्रस्तावित की गई है,जिनमे से 1103 गतिविधियां संचालित हो रही है। जून की स्थिति में 213 रीपा केंद्रों में सेवा गतिविधियां संचालित की जा रही है।इन सेवा गतिविधियों में आधार केंद्र, बीसी सखी, कंप्यूटर, कूलर और मोटर वाहन रिपेयर, रेस्टोरेंट, फोटोकॉपी, प्रिंटिंग मशीन, पेयजल, टेंट एवं कैटरिंग का कार्य किया जा रहा है। इन गतिविधियों से हितग्राहियों को 37 लाख रुपए  की आय मिल चुकी है। सेवा गतिविधियों में राज्य के आकांक्षी जिला दंतेवाड़ा प्रथम और कांकेर द्वितीय स्थान पर है। छत्तीसगढ़ सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से गांवों में ग्रामीणों को रोजगार व स्व-रोजगार मिलने लगा है। गांवों को उत्पादन का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई। इस योजना से अब ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव आने लगी है।

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