बोरी बेग सिलाई से महिलाओं ने कमाए 66 हज़ार

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन के मंशानुरूप रीपा गोठानों में विभिन्न आय अर्जक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। रीपा में काम करके युवा उद्यमी और समूह की दीदियाँ बड़ी संख्या में लाभान्वित हो रही हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने 1 लाख 24 हज़ार की लागत से बोरी बेग निर्माण इकाई स्थापित किया। बोरी बेग बनाकर उन्होंने अब तक कुल 1 लाख 90 हज़ार रुपये की आय अर्जित की। इससे उन्हें शुद्ध 66 हजार रुपये का लाभ हुआ। उन्हें घर के कामों के साथ स्वरोज़गार के साधन मिल रहे हैं जिससे महिलायें बहुत ही उत्साहित नज़र आ रही हैं। दुबछोला रीपा में स्व-सहायता समूह की दीदियाँ बोरी बेग निर्माण के साथ मशाला उत्पादन, फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण, पेवर ब्लॉक निर्माण कार्य, अगरबत्ती निर्माण, फेब्रिकेशन का कार्य बेहतर तरीके से कर रही हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक श्री तरुण सिंह ने बताया कि लक्ष्मी स्व-सहायता समूह दुबछोला की दीदीयाँ बोरी बेग निर्माण का कार्य करती हैं। गोठान से जुड़ने के बाद उन्हें रीपा योजना के माध्यम से शेड और भवन प्राप्त हुआ जिससे उनके कार्य का विस्तार हुआ। शासन के द्वारा पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने से समूह की दीदियों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। जिला प्रशासन के द्वारा समय समय पर मार्गदर्शन के साथ आर्थिक सहायता भी प्रदान किया जा रहा है। विभिन्न आय अर्जक गतिविधियों से जुड़कर वे अपने आप को आत्मनिर्भर एवं सशक्त महसूस कर रही हैं।

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