अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने खोए हुए स्पेसक्राफ्ट  ‘वोयाजर-2’ से एक बार फिर संपर्क स्थापित कर लिया है। दो हफ्ते पहले धरती से गलत कमांड भेजे जाने के कारण ‘वोयाजर-2’ का एंटीना पृथ्वी की विपरीत दिशा में झुक गया था और धरती से इसका संपर्क टूट गया था। लेकिन नासा के वैज्ञानिक काफी मशक्कत के बाद इस स्पेसक्राफ्ट से संपर्क स्थापित करने में कामयाब हो गए। ‘वोयाजर-2 स्पेसक्राफ्ट लगभग 46 साल पुराना है। इसे अंतरिक्ष में खोज के लिए 1977 में नासा द्वारा भेजा गया था

सबसे ताकतवर ट्रांसमिटर से नया कमांड भेजा

नासा के ‘डीप स्पेस नेटवर्क’ ने ‘वोयाजर-2’ के एंटीना को पृथ्वी की तरफ मोड़ने के इरादे से ऑस्ट्रेलिया के अपने विशाल रेडियो डिश एंटीना के सबसे ताकतवर ट्रांसमिटर से बुधवार को एक नया कमांड भेजा था। नासा के मुताबिक, ‘वोयाजर-2’ के एंटीना को महज दो डिग्री घुमाने की जरूरत थी।

धरती से लगभग 19 अरब किलोमीटर दूर है ‘वोयाजर-2’

एजेंसी के अनुसार, धरती से लगभग 19 अरब किलोमीटर दूर अंतरिक्ष की कक्षा में मौजूद ‘वोयाजर-2’ तक कमांड पहुंचने में 18 घंटे से अधिक समय लगा। उसने बताया कि यान से अगले 18 घंटे में संपर्क स्थापित हो गया और वह धरती पर संदेश भेजने लगा। कैलिफोर्निया की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अधिकारियों ने कहा कि कड़ी मेहनत रंग लाई और यान से एक बार फिर डेटा प्राप्त होने लगा।

दो हफ्ते तक नहीं मिला कोई डेटा

प्रोजेक्ट मैनेजर सुजैन डॉडल ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, “मैंने राहत की सांस ली। कुर्सी पर बैठे-बैठे मेरी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। ‘वोयाजर-2’ से एक बार फिर संपर्क स्थापित हो गया है।” बाहरी सौर मंडल के रहस्यों को खंगालने के लिए ‘वोयाजर-2’ को पहली बार वर्ष 1977 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। डॉड ने कहा कि दो हफ्ते की यह अवधि संभवतः सबसे लंबी अवधि है, जब नासा को यान से कोई डेटा नहीं प्राप्त हुआ।

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