वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में विभाग द्वारा वन अपराधों की रोकथाम के लिए सघन अभियान जारी है। इस कड़ी में बाघ के तस्कर गिरोह को पकड़ने में वन विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है। इसके तस्कर में संलिप्त अभी तक 39 आरोपियों को जेल भेजा गया।
गौरतलब है कि वन विभाग द्वारा वन्यजीव के तस्करी के प्रकरण में संयुक्त टीम बनाकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। इन्द्रावती टायगर रिजर्व, बीजापुर के रुद्रारम गांव से  बाघ की खाल की तस्करी में लिप्त नौ आरोपियों को बाघ के खाल के साथ गिरफ्तार कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत 3 जुलाई 2023 को 9 आरोपियों को जेल भेजा गया था। इसके पश्चात आरोपियों के निशान देही पर अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया। 18 जुलाई 2023 की स्थिति में कुल 39 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
प्रकरण में मुख्य रूप से आरोपी तुलसीराम, रामकुमार टिंगे, ओमप्रकाश ठाकुर, गणेश यालम एवं मनोज कुरसम, अमित कुमार झा, आरती दास गंधर्व, पुतुल बर्मन (महिला आरोपी), पीतांबर साहू, सुधाकर हटवार, श्यामराव शिवनकर, शालीकराम मरकाम, अशोक खोटेले, जागेश्वर साहू, धर्माराव चापले, श्रवण झाड़ी, रंजीत कुलदीप, अली बक्श खान, किशोर दशरिया आदि की बाघ, तेंदुआ की खाल, कछुआ और अन्य वन्यजीवों की खरीदी-बिक्री में संलिप्तता रही है।
इस प्रकरण में अभी तक कुल 39 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है एवं वर्तमान में प्रकरण से संबंधित 07 आरोपी फरार है। प्रकरण में आरोपियों का संबंध महाराष्ट्र  के तस्कर गिरोह से होने से संयुक्त टीम ने 14 आरोपियों को महाराष्ट्र के भंडारा, गोंदिया और चंद्रपुर जिले से आरोपियों को ग्राम कोसाटोला, सालेकसा में बाघ को करंट लगाकर मारने और तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।

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